Saturday, May 28, 2022

हिन्दू पंचांग ज्ञान - ब्रह्मवैवर्त पुराण - कुछ महत्वपूर्ण नियम

Reviving my blogging with this knowledge base today, after a long break!

below are important principles esp. about food items to be followed and avoid ill health or long term effects 

described by the Puranas with required reasoning in them

compiled  via telegram channel - https://t.me/astrologyguidance

- प्रतिपदा को कूष्माण्ड(कुम्हड़ा, पेठा) न खाये, क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है।
(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

- द्वितीया को बृहती (छोटा  बैगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है।
(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

- तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है।
(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

- चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है।
(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

- पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है।
(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

- अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है।
(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

- नवमी को लौकी खाना गोमांस के समान त्याज्य है।
(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

- हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l   
राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।
एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है 

- द्वादशी को पूतिका(पोई) खाने से पुत्र का नाश होता है।
(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

-  त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है।
(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

- चतुर्दशी, पूर्णिमा  रविवार, और व्रत के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।
(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)

shubhakruta,amanta, krishna trayo-chaturdashi, vaishakh, shanivara, 

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